Thursday, May 19, 2016

दो पल मिले हैं



जो दो पल मिलें हैं तुमको, संग उनके गुजार देना

सुनकर साँसों धुन उनकी, अपनी धड़कनें संवार लेना

मन हारकर ही तो प्रीत में आती लगन है

कृष्ण पर हारकर दिल अपना, मीरा कितनी मगन है

क्या हुआ अगर जो दोनों नहीं साथ हैं

पर प्रेम का सच्चा एहसास तो है